तो भाइयों जैसा कि आप देख रहे हैं कि भारत के कृषि प्रधान देश जिसमे लगभग पूरा भारत कार्य के क्षेत्र में कृषि पर पूरा डिपेंड है। और यहां की मुख्य फसल भी धान की खेती को माना गया है। क्यूंकि धान की फसल एक ऐसे फसल जिसे पूरा भारत इसी पर और किसान भाइयों की जो स्थिति है वह भी कृषि पर ही आधारित है
तो आज हम सबसे पहले बात करेंगे कि धान की में तनाछेदक आता कहा से है तनाछेदक लगता कहां से है और आता कहा से क्यूंकि यह तनाछेदक इतना खतरनाक रहता है कि यह हमारी धान की फसल को लगभग 25% से 30% तक नुकसान पहुंचा देता है। जिससे हमारी धान की फसल की पैदावारी में कमी देखने को मिलती है।
तनाछेदक लगने का मुख्य कारण ?
तो हम सबसे पहले बात करते है कि तनाछेदक हमारी धान की फसल में आत कहा से और लगता कहा से है। तो अपने यह गौर किया होगा कि सबसे पहले हमारी धान तितलियों का दिखाई देता है उसके आपने यह देखा होगा कि उसके तनाछेदक लगने का जो कार्य है वह आपको देखने को मिलेगा।
क्यूंकि मैं यह आपको बता देना चाहता हु कि जो तितलियां रहती है उसमें से केवल एक तितली लगभग एक बार में 550 से 650 के आस पास अंडे देती है और यही अंडे बाद में इल्लियों का रूप लेकर हमारी धान की फसल को नुकसान पहुंचाती है। जिससे धान की पैदावारी में कमी दिखने को मिलती है।
गर्मियों के दिनों में कौन से तनाछेदक दवाई का उपयोग करे ?
तो अब हम बात करते हैं कि गर्मियों के दिनों में कौन सी दवाई का उपयोग करे जिससे धान की फसल में तनाछेदक को रोकथाम किया जा सके। तो किसान भाईयो को यह ज्ञात रहे कि कभी भी आपको अपनी फसल में तनाछेदक दिखते ही high Dose की दवा का इस्तेमाल न करें क्योंकि यदि आप नॉर्मल तनाछेदक लगने पर high renge की दवाई का उपयोग करे तो आपकी जो खेत की जो रजिस्टनेट पॉवर है वह बढ़ जाएगी जिससे यदि आप नॉर्मल कीटनाशक का अपनी खेतों में इस्तेमाल करेंगे तो आपकी खेतों में नॉर्मल जो कीटनाशक है वह अच्छे रिजल्ट आपको देखने को नहीं मिलेगा। क्यूंकि रेजिस्टेंट पावर बढ़ने के बाद आपको high दवा का ही उपयोग करना होगा तभी आपको अच्छा रिजल्ट देखने को मिलेगा। और यदि आप बार बार high दवाई का प्रयोग करेंगे तो ओ भी दवाई आपका काम करना बंद कर देगा।
तनाछेदक दवाई का सही Dose ?
1. तनाछेदक नॉर्मल लगने पर आप 505 का इस्तेमाल प्रति एकड़ के हिसाब से 300 ml की दर से या फिर आप 15 लीटर वाली टंकी में 50 ml से 60 ml के हिसाब आप उपयोग कर सकते हैं।
2. या फिर आप 404 यानी Profenophos 40%+Cypermethrin4% EC 300 ML प्रति एकड़
3. Emamactine Benzoate 5% SG 250 gm प्रति एकड़
4. Chlorantraniliprole 18.5% SC 60ML प्रति एकड़
5. Pyriproxyfen 10%0+ Bifenthrin10% EC 250 ML प्रति एकड़
इन सभी का इस्तेमाल आप अपने धान की फसल में तनाछेदक लगने पर आसानी से इस्तेमाल कर सकते है।

सावधानियां
- 1. 505 दवाई को बच्चों और पशुओं से दूर रखे।
2. किसी भी दवाई का उपयोग करने से पहले अपने हाथ में ग्लब्स और मुंह में रुमाल या फिर मास्क बांधकर ही दवाई का स्प्रे करे।
3. दवाई को जितने मात्रा में स्प्रे करना है आप उसी मात्रा में इसका उपयोग करे।
4. मौसम देखकर ही दवाई का इस्तेमाल करे।
5. दवाई डालने से पहले दवाई का अंतिम तिथि जरूर देखे।
